میں مدینہ جاکے آؤں
مجھے اے مسکرانا
تو مری خوشی میں لوگوں
زرا تم بھی مسکرانا
یہ دعا ہے میری رب سے
کے شفاے انجمن سے
لگا دل رہے ہمیشہ
وہاں میرا آنا جانا
میں ہیں ظلمتوں کا مارا
پشو پیش مبتلا ہوں
جو تری نظر عطا ہو
مجھے آے دل لگانا
میں کوی وجہ بتاؤں
میں کوی وجہ تلاشوں
میں مریض عشق ٹھرا
ہے شفا مرا بہانا
تیری جلوتوں کے صدقے
مجھے زندگی عطا ہے
میری قسمتوں میں لکھ دے
ہاں وہیں کا ابو دانا
تیرا اختیار سب پر
دو جہاں کے تم ولی ہو
تیری مہر مل گی تو
مجھے مل گیا خزانا
قف نقش پاے اے شاہ
ہے سکون دل کا رستہ
ہے اسی کی پھر یہ دنیا
ہے اسی کا یہ زمانا
मैं मदीना जाके आऊं
मुझे आज मुस्कुराना
तो मेरी खुशी में लोगों
ज़रा तुम भी मुस्कुराना
ये दुआ है मेरी रब से
के शिफ़ाए अन्जुमन से
लगा दिल रहे हमेशा
वहां मेरा आना जाना
मैं जु़लमतों का मारा
पशोपेश मुब्तिला हूं
जो तेरी नज़र आता हो
मुझे आए दिल लगाना
मैं कोई वजह बताऊं
मैं कोई वजह तलाशूं
मैं मरीज़े इश़्क ठहरा
है शिफा़ मिरा बहाना
तेरी जिलवतों के सदके़
मुझे ज़िन्दगी अता है
मेरी क़िस्मतों में लिख दे
हां वहीं का आबो दाना
तेरा इख़्तेयार सब पर
दो जहां के तुम वाली हो
तेरी मेहर मिल गई तो
मुझे मिल गया ख़ज़ाना
क़फे़ नक़शे पाए ए शाह
हैं सुकून दिल का रस्ता
है उसी की फिर ये दुनिया
है उसी का ये ज़माना
शहाब उद्दीन शाह क़न्नौजी